
भारत और पाकिस्तान के बीच आधिकारिक तौर पर संघर्षविराम (सीज़फायर) की घोषणा के बावजूद 10 मई की रात को पाकिस्तान की तरफ से भारत के जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कई हिस्सों में ड्रोन हमले किए गए. इन्हीं इलाकों में एक उधमपुर भी है. वैसे उधमपुर पर यह कोई पहला ड्रोन हमला नहीं था. 7 मई के बाद कई बार उधमपुर को पाकिस्तान ने ड्रोन द्वारा निशाना बनाने की कोशिश की. हालांकि भारतीय एयर डिफेंस द्वारा इन हमलों को लगातार नाकाम किया गया.
उधमपुर में पाकिस्तान द्वारा बार-बार निशाना बनाने की कोशिश इसलिए भी की गई क्योंकि उधमपुर भारतीय सेवा के लिए बहुत ही अहम है. यहां पर भारतीय सेना आर्मी के उत्तरी कमांड का मुख्यालय है. साथ ही उधमपुर, जम्मू और श्रीनगर के बीच सेना के मूवमेंट के लिए ट्रांजिट प्वाइंट का काम करता है.
उधमपुर निवासी सुमन लता ने कहा कि लड़ाई में हमारे भी जवान शहीद होते हैं, इससे किसी को कुछ हासिल नहीं होगा. वहीं, संजीव कुमार की राय उनसे जुदा दिखी. संजीव ने कहा कि इस बार तो पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए.
वहीं, अजय गुप्ता सीज़फायर पर सवाल उठाते हैं. वो कहते हैं, ‘सीज़फायर से पहले विपक्षी नेताओं से बातचीत होनी चाहिए थी. यह फैसला जल्दबाज़ी में लिया गया और किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से किया गया, जो सही नहीं है.’
इसके अलावा भी हमने तमाम स्थानीय लोगों से बातचीत करके यह समझने की कोशिश की कि आखिर 7 मई के बाद से यहां क्या-क्या हुआ और यहां के लोग से इस संघर्ष के बाद क्या बदलाव महसूस कर रहे हैं? साथ ही ये भी पूछा कि इसके अलावा पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष का क्या समाधान चाहते हैं?
देखिए हमारी ये वीडियो रिपोर्ट.
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