
दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है. दूसरी तरफ, एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) के आंकड़ों पर भी सवाल उठ रहे हैं. आरोप है कि डेटा से छेड़छाड़ की जा रही है. ऐसे में लोग यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे किस सरकारी वेबसाइट या एप्लिकेशन पर भरोसा करें, ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके कि उनके आसपास की हवा कितनी जहरीली है. इसी मुद्दे पर हमने दो एक्यूआई विशेषज्ञों सचिन और गौरव से बात की.
सचिन बताते हैं कि सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) की आधिकारिक एप “समीर” पर अब तक लोग भरोसा करते रहे हैं, लेकिन कई जगहों पर इसका डेटा अधूरा या गायब है. उदाहरण के तौर पर, गुरुग्राम में पिछले एक साल से काफी डेटा मिसिंग है, जिसकी वजह से लोगों को वास्तविक प्रदूषण स्तर का अंदाज़ा नहीं लग पाता. यही कारण है कि बहुत से यूजर्स ने अब समीर एप को डिलीट कर दिया है और अब वे इसका विकल्प ढूंढ रहे हैं.
सचिन एप खोलकर उदाहरण के साथ बताते हैं कि आखिर डेटा की कमी लोगों के लिए किस तरह की दिक्कतें पैदा कर रही है.
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