
समाजवादी पार्टी से सांसद, पूर्व मंत्री और कई बार विधायक रह चुके वीरेंद्र सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री से विस्तार से बातचीत की. सिंह इस समय संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति (डिफेंस कमेटी) के सदस्य भी हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने राजनीति, संसद की कार्यप्रणाली और विभिन्न दलों में अपने अनुभवों को लेकर बेबाकी से अपनी राय रखी.
वीरेंद्र सिंह का राजनीतिक सफर 1990 के दशक में कांग्रेस से शुरू हुआ. 1996 में वह पहली बार विधायक बने और इसके बाद उनका राजनीतिक जीवन कई अहम पड़ावों से गुज़रा. कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी बनाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन दिया और कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी बने. इसके बाद वे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से विधायक बने, और फिर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए, वे वर्तमान में समाजवादी पार्टी के चंदौली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, "मैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री जरूर रहा, लेकिन मैंने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए गए भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, "जब हम लोग सदन के बाहर थे, तो सोचते थे कि सदन के भीतर झूठ नहीं बोला जाता है. लेकिन सदन में आने के बाद देखा कि यहां ज़्यादातर बातें झूठ पर आधारित होती हैं. जिस कल्पना के साथ हम सदन में आए थे, वैसा आचरण यहां देखने को नहीं मिला, इसलिए निराशा होती है."
बातचीत के दौरान वीरेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी द्वारा चल रही पाठशालाओं, 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, ऑपरेशन सिंदूर, बसपा सुप्रीमो मायावती की राजनीति और अन्य मुद्दों पर भी खुलकर अपने विचार रखे.
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