
आज 17 सितंबर है. पूरा सरकारी तंत्र एक ही ‘पवित्र मकसद’ के लिए अपनी घड़ियां मिला चुका है, वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन.
भारतीय जनता पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है. कहीं रक्तदान शिविर लगे हैं तो कहीं स्वच्छता अभियान चल रहा है. “सेवा पखवाड़ा” का ऐलान हो चुका है. पुणे में मंत्रीजी ड्रोन शो की तैयारी कर रहे हैं. दिल्ली विधानसभा “अपने प्रधानमंत्री को जानो” प्रदर्शनी लगाने वाली है. प्रधानमंत्री हमारे ‘खास मित्र’ हैं, इसलिए हम बधाई देने में कैसे चूक सकते हैं.
आप उन लोगों की बातों पर मत जाइए जो कहते हैं कि न्यूज़लॉन्ड्री वाले प्रधानमंत्रीजी से जलते हैं. ये सब बेकार की बाते हैं. भला ऐसा कौन होगा जिसे इतने ‘लोकप्रिय’ प्रधानमंत्री और उनके ‘दूरदर्शी सुधार’ न भाते हों?, ख़ासकर 2016 का वो ‘मास्टरस्ट्रोक’ जिसे नोटबंदी कहा गया.

खैर, विषय नहीं भटकते हैं. हम इसी उहापोह में थे कि मोदीजी तक जन्मदिन की बधाई कैसे पहुंचाएं. इसी बीच हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपा एक विज्ञापन दिखा. इन्होंने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी थी और ये वादा भी किया था कि कोई भी प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं दे सकता है. बस फिर क्या था, हमने विज्ञापन में दिए नंबरों पर कॉल करने की सोची.
कुछ लोगों ने हमसे कहा कि सार्वजनिक रूप से पीएम को शुभकामना देना ठीक नहीं. लेकिन हमने सोचा अगर टाइम्स ऑफ इंडिया कर सकता है तो हम भी करके देखते हैं. हमने तय किया कि न्यूज़लॉन्ड्री की पूरी टीम की तरफ से एक विज्ञापन टाइम्स ऑफ इंडिया में छपवाया जाए और प्रधानमंत्री जी को जन्मदिन की बधाई दी जाय. कभी-कभी ईमानदार पत्रकारिता भी ईमानदारी से भक्ति तो कर ही सकती है.
तो हमने विज्ञापन का मजमून चुना, एक सुंदर सी मोदीजी की तस्वीर चुनी और मनपसंद आकार तय किया. फिर विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन लगाया. लेकिन जैसा कहते हैं कि कुछ सपनों की कीमत इतनी ज़्यादा होती है कि उन्हें पूरा नहीं किया जा सकता. हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने हमें बताया कि विज्ञापन छपवाने की कीमत अदा करनी होगी. और हाथ के हाथ उन्होंने हमें विज्ञापन की दरें समझा दी. टाइम्स रिस्पॉन्स के एसोसिएट राघव अरोड़ा ने हमें बताया कि विज्ञापन छपवाने की न्यूनतम दर 375 रुपये प्रति वर्ग सेंटीमीटर है और कम से कम 32 वर्ग सेंटीमीटर का विज्ञापन तो देना ही होगा.
हमारे मन में आया इतना छोटा सा विज्ञापन? क्यों न पैमाना थोड़ा बड़ा किया जाए. राष्ट्रीय संस्करण में पूरे पन्ने का विज्ञापन कैसा रहेगा? यही सोचकर हमने पूरे पन्ने का रेट पूछा. सामने से जवाब आया- 35 लाख रुपये. हमने पूछा अगर दिल्ली संस्करण में छपवाना हो तो? जवाब आया, 9 लाख रुपये. इसी तरह अहमदाबाद संस्करण के जवाब में बताया गया 2.5 लाख रुपये. और अगर फ्रंट पेज या पेज-3 पर बधाई देना हो तो? राघव का जवाब था- मान लीजिए कि इसमें कम से कम 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी.
हम अभी जोड़-घटाना कर ही रहे थे कि एक और झटका हमें लगा. जब टाइम्स ने बताया कि हम ऐसे ही मोदीजी की कोई भी फोटो नहीं लगा सकते. विज्ञापन में उनकी तस्वीर इस्तेमाल करने के लिए पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति लेनी होगी. ये क्या? अपने लोकप्रिय नेता के प्रति आपका प्रेम भी पहले सेंसर से पास होगा?
जब हमने थोड़ा और खोजबीन की तब अरोड़ा ने कहा कि पहले आप अपना परिचय तो दीजिए. जब हमने बता दिया कि हम न्यूज़लॉन्ड्री से बात कर रहे हैं. इस पर उनका जवाब आया कि पहले हम विज्ञापन का आकार और सामग्री तय कर लें, उसके बाद कॉल करें.
बताइए, बुकिंग लगभग हो ही चुकी थी, फैसला भी लगभग हो चुका था, हम अपने प्रिय प्रधानमंत्री को बधाई देने के एकदम करीब पहुंच चुके थे, न्यूज़लॉन्ड्री के हमारे साथियों के जिस्म में बांछें खिली हुई थी, सब उत्साहित थे. लेकिन एन वक्त पर हमारे एक साथी ने हमें हमारा मकसद याद दिला दिया. हमारा काम रिपोर्टिंग पर पैसा ख़र्च करना है, न कि दो-चार इंच या सेंटीमीटर किराए पर लेकर विज्ञापन छपवाना. एक तो इतना पैसा ऊपर से पीएमओ की सेंसरशिप, सो हमने प्रधानमंत्रीजी को जन्मदिन की बधाई देने का विचार छोड़ दिया.
आप इस लेख को ही उनके जन्मदिन बधाई मान लें. क्योंकि हमारे ऊपर हमारे सब्सक्राइबर्स भी बैठे हैं और सब चीज पर नज़र गड़ाए हुए हैं. उनका कहना है कि वो सिर्फ़ इसलिए भुगतान करते हैं ताकि ख़बरों की आज़ादी बनी रहे.
तो इसी से काम चला लीजिए प्रधानमंत्रीजी. हमारे पास टाइम्स ऑफ इंडिया जितना पैसा और स्पेस तो है नहीं. आपकी 75वीं सालगिरह उतनी ही अनमोल हो, जितनी ये शुभकामना, जिसका खर्चा हमें पड़ा शून्य रुपये. और यही वह कीमत है जो हम इस तरह के विज्ञापन छपवाने के लिए दे सकते हैं. हमें दोष मत दीजिए, कोशिश तो हमने की थी.
मूल रूप से अंग्रजी में प्रकाशित सामग्री को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
पीएम मोदी के जन्मदिन पर न्यूज़लॉन्ड्री एक खास ऑफर लेकर आया है. ऑफर के बारे में जानने के लिए यहां और ऑफर पाने के लिए यहां क्लिक करें.
Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.