
एक और चुनावी शो के इस एपिसोड में अतुल चौरसिया ने पटना महिला महाविद्यालय (वीमेन कॉलेज) की छात्राओं से बात की. बातचीत का मकसद बिहार विधानसभा चुनावों के बीच उनके मुद्दों को समझना और राजनीति के प्रति उनके नजरिए को समझना था. साथ ही ये भी जानने की कोशिश थी कि आखिर ये युवा महिलाएं चुनावी वादों और योजनाओं को किस नजर से देख रही हैं.
बातचीत में सामने आया कि बिहार की युवा महिलाएं सरकार से आर्थिक मदद नहीं बल्कि एक अदद कौशल के विकास की दरकार रखती हैं. उनकी नजर में सिर्फ राजनीतिक वादे करने और 10 हजार देने से उनका भला नहीं होगा, क्योंकि यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. महिलाओं के विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें सशक्त बनाया जाए.
छात्राओं का कहना है कि चुनाव के समय तो सरकार पैसा बांट रही है लेकिन जब उन्हें पढ़ाई के लिए ऋण आदि के रूप में आर्थिक मदद की जरूरत होती है तो उन्हें कागजी कार्रवाई में ही काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
हालांकि, इस दौरान कुछ छात्राओं का दावा रहा कि बिहार में अब पहले के मुकाबले उन्हें सुरक्षित महसूस होता है लेकिन उनकी ही साथियों का इशारा ये भी था कि कॉलेज के बाहर निकलते ही अब भी उन पर फब्तियां कसी जाती हैैं और वे कैंपस के बाहर सुरक्षा को लेकर चिंतिंत हैं.
इनका माना है कि चुनावी घोषणा पत्र बस जारी करने के लिए हैं, उनके वादे कभी जमीनी स्तर पर पूरे नहीं होता.
देखिए पटना के महिला महाविद्यालय से एक और चुनावी शो का ये खास एपिसोड.
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