
प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने गुजरात हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अखबार ने उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट की कार्यवाही की गलत रिपोर्टिंग पर उसकी ओर से दायर माफीनामे को अस्वीकार कर दिया गया था. साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया गया कि एक नया माफीनामा दायर किया जाए.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने इंडियन एक्सप्रेस की याचिका को बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ऑफ इंडिया का स्वामित्व और प्रकाशन करने वाली कंपनी) द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (स्पेशल लीव पेटिशन) के साथ अटैच कर दिया है. गुजरात हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ भी गुजरात हाईकोर्ट ने एक ऐसा ही आदेश दिया है.
बीते साल अगस्त में हाईकोर्ट ने कथित तौर पर द इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया सहित कुल तीन समाचार पत्रों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था, क्योंकि न्यायालय ने पाया था कि रिपोर्टों से यह गलत धारणा बन रही है कि सुनवाई के दौरान की गई टिप्पणियां उसके अंतिम विचार हैं.
सितंबर में, अदालत ने अखबार द्वारा प्रकाशित माफ़ीनामे पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि माफ़ीनामे में क्या था. लाइव लॉ के अनुसार, इसने उन्हें "पहले पन्ने पर मोटे अक्षरों में" एक नई सार्वजनिक माफ़ी मांगने के लिए तीन दिन का समय दिया, साथ ही जनता को "गलत रिपोर्टिंग" के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित करने को कहा.
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