
बिहार के मोकामा में गुरुवार को जनसुराज पार्टी से जुड़े दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई. यह घटना उस समय हुई जब जेडीयू के मोकामा से उम्मीदवार अनंत सिंह और जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी का काफिला टाल इलाके से आमने-सामने गुजर रहा था. गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे दोनों उम्मीदवार अपने-अपने समर्थकों के साथ प्रचार के लिए निकले थे. सड़क संकरी होने के कारण एक समय में केवल एक ही काफिला निकल सकता था. इसी दौरान झड़प हुई और माहौल बेकाबू हो गया.
दुलारचंद यादव के साथ मौजूद उनके पोते नीरज यादव ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “दोनों नेताओं का काफिला आमने-सामने आ गया था. हंगामा हुआ और तभी कुछ लोग मेरे दादा को खींचकर ले गए. पहले उनके पैर में गोली मारी, फिर उनकी पिटाई की और बाद में उन पर गाड़ी चढ़ा दी.”
घटना स्थल पर जब न्यूज़लॉन्ड्री की टीम रिपोर्टिंग के पहुंची तो तीन गाड़ियां मौजूद थी. जिनमें से एक साथ लगते खेतों में उतरी हुई थी और बाकी दो सड़क पर थीं. इन दोनों के शीशे टूटे हुए थे.
गुरुवार को स्थानीय प्रशासन ने इस घटना पर प्रारंभिक तौर पर गोलमोल जवाब दिया. बाद में पटना पुलिस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मोकामा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच घोसवरी टाल क्षेत्र में झड़प हुई थी. झड़प उपरांत संदेहास्पद स्थिति में दुलारचंद यादव, जो पूर्व में कई आपराधिक मामलों में अभियुक्त रहे हैं, मृत पाए गए. फिलहाल मामला दर्ज कर अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जा रही है.”
परिवार और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद शुक्रवार सुबह जानकारी दी गई कि अनंत सिंह समेत चार लोगों पर हत्या का मामला बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 103 के तहत दर्ज कर लिया गया है.
घटना के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए अनंत सिंह ने कहा कि सबसे पहले हमला दुलारचंद ने किया था और इस पूरे विवाद के पीछे सूरजभान सिंह का हाथ है. गौरतलब है कि सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी इस बार मोकामा से चुनाव मैदान में हैं.
अनंत सिंह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए वीणा देवी ने कहा, “घटना के समय मौके पर अनंत सिंह खुद मौजूद थे, और अब वे दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं.”
जब दुलारचंद यादव का शव अलग-अलग गांवों से होता हुआ ले जाया जा रहा था, तो रास्ते में जगह-जगह लोगों ने नारे लगाए और सड़कों को जाम कर दिया. फिलहाल, इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है.
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