
हस्तिनापुर का माहौल बहुत हंगामेदार हो गया था, या कहें कि पूरे आर्यावर्त का माहौल ही हंगामाखेज़ हो चला था. राजकुंवर पाटलीपुत्र में वोटचोरी यात्रा निकाल रहे थे. डंकापति पाटलीपुत्र की यात्रा पर थे. धृतराष्ट्र लंबे वक्त से दरबार से गायब थे. इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. बरसात भी जमकर हो रही थी, संजय भी थे, मौका भी था और दस्तूर भी, सो दरबार सज गया.
गोली मारो वाले अनुराग भाई ठाकुर पूरी नई पीढ़ी को बर्बाद करने का रेडीमेड नुस्खा लेकर आए हैं. पहले गोली मारो की शिक्षा और अब तबाही का मंत्र जो कहने से ज्यादा देखने-सुनने लायक है.
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