
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने न्यूज़लॉन्ड्री से खास बातचीत में अपने जीवन, राजनीतिक विचारों और मौजूदा राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर राय रखी. हरियाणा के रोहतक जिले से आने वाले जांगड़ा का सफर साधारण किसान परिवार से शुरू होकर संघ और ओबीसी आंदोलन के जरिए संसद तक पहुंचा. उन्होंने बताया कि किस तरह एंटी-कांग्रेस सोच ने उन्हें राजनीति में सक्रिय किया और कैसे नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए बीते सालों में कई कदम उठाए.
हिंदी बनाम क्षेत्रीय भाषाओं पर चल रही बहस को लेकर जांगड़ा का कहना है कि “हिंदी थोपी नहीं जा रही, यह सिर्फ एक विकल्प है. मोदी सरकार ने त्रि-भाषा फॉर्मूला दिया है. जिसमें अंग्रेजो को उन्होंने तीसरे स्थान पर रख दिया है. जांगड़ा ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इसे विवाद बनाकर राजनीति कर रहा है.
चुनावी सुधारों और मतदाता सूची में गड़बड़ियों पर बात करते हुए उन्होंने चुनाव आयोग का बचाव किया और कहा कि “फर्जी नामों के मुद्दे को विपक्ष बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है. पारदर्शिता के लिए आयोग लगातार काम कर रहा है.”
संसद और संवैधानिक पदों पर आए विवादों को लेकर भी जांगड़ा ने बेबाक राय रखी. उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को स्वास्थ्य कारणों से जुड़ा बताया और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की बयानबाज़ी को पद की गरिमा के खिलाफ करार दिया. जम्मू-कश्मीर के हालात पर उनका दावा था कि धारा 370 हटने के बाद अब घाटी में शांति और पर्यटन दोनों बढ़े हैं.
जांगड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी ताकत यही है कि वह सामाजिक न्याय, विकास और राष्ट्रीय एकता तीनों मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है.
देखिए राम चंद्र जांगड़ा से ये पूरी बातचीत.
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