
शनिवार की रात गोवा के एक नाइट क्लब में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है. मृतकों में अधिकांश क्लब के कर्मचारी थे. गोवा के अर्पोरा में हुए इस हादसे के पीड़ितों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50–50 हजार रुपये देने की घोषणा की गई है.
दिल्ली का एक परिवार सरकार की इस सहायता राशि से संतुष्ट नहीं है. हादसे में दिल्ली के एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के सादतपुर एक्सटेंशन की रहने वाली भावना जोशी अपनी तीन सगी बहनों और पति को एक ही रात में खो चुकी हैं. हमने उनसे बात की.
वे कहती हैं, “हादसा इतना भयानक था कि समझ नहीं पा रही हूं कि हुआ क्या. मुझे विश्वास ही नहीं होता कि मेरी तीन बहनें और मेरा पति अब नहीं हैं. हमारी किसी ने मदद नहीं की. गोवा में भी हमारे साथ ठीक व्यवहार नहीं हुआ. मैं वहां अकेली थी, और दिल्ली से मेरा परिवार ही मेरी मदद कर रहा था.”
उनके पिता बालकिशन जोशी का दर्द भी शब्दों में नहीं समाता, “मेरी चार ही बेटियां थीं. तीन बेटियां और दामाद एक साथ चले गए. सिर्फ एक बेटी बची है. सब बर्बाद हो गया. सरकार को इस हादसे के दोषियों को कड़ी सज़ा देनी चाहिए.”
इस भीषण आग के लिए जिम्मेदार माने जा रहे क्लब मालिक सौरभ और गौरव लूथरा देश छोड़कर थाईलैंड भाग चुके हैं. वहीं, क्लब के सह-मालिक अजय गुप्ता को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस क्लब से जुड़े कई अधिकारियों और कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
जांच में खुलासा हुआ है कि लूथरा बंधु नियमों को ताक पर रखकर क्लब का संचालन कर रहे थे. बिना किसी मंजूरी और बिना फायर सेफ्टी उपकरणों के बड़े इवेंट आयोजित किए जा रहे थे. ये वही कारोबारी हैं जिनका दुबई और दिल्ली-एनसीआर के 30 से ज्यादा शहरों में रेस्तरां-बार का बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है.
उधर, गोवा पर्यटन विभाग ने मंगलवार को ‘रोमियो लेन’ क्लब को ध्वस्त कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि वागाटोर बीच पर स्थित यह संरचना अवैध थी और पर्यटन विभाग की जमीन पर बनाई गई थी. अब सवाल यही है कि क्या इतनी बड़ी त्रासदी के बाद कोई सबक लिया जाएगा, या फिर अगले हादसे तक सब कुछ यूं ही चलता रहेगा?
देखिए पूरी वीडियो रिपोर्ट-
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