
संसद के मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता भी हंगामे के नाम रहा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में अंतिम क्षण तक वोट चोरी और एसईआर के मुद्दे पर विपक्ष का प्रदर्शन जारी रहा. 21 जुलाई से शुरू हुआ संसद का यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिनों तक चला. इस दौरान 18 बैठकें हुई. इस सत्र में संसद के दोनों सदनों में कुल 120-120 घंटे चर्चा होनी थी लेकिन लगातार हुए हंगामा की वजह से लोकसभा में मात्र 37 घंटे और राज्यसभा 41 घंटे 15 मिनट तक ही कार्यवाही हो सकी. 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा को छोड़ दें तो इस पूरे सत्र में दोनों सदनों में काम की बात लगभग ना के बराबर हुई.
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने ,लोकसभा में तीन ऐसे बिल पेश किए जिसको लेकर कहा जा रहा है कि, अब भाजपा को विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि यह काम ईडी, सीबीआई और आईटी जैसी एजेंसियां, आराम से कर देंगी. साथ ही एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने नॉमिनेशन फाइल कर दिया है. इस हफ्ते संसद में एक और चमत्कार हुआ, प्रधानमंत्री मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार संसद में देखे गए. प्रधानमंत्री को देखकर विपक्षी सांसद इतने उत्साहित हो गए कि वह ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा लगाने लगे.
हफ्ते संसद में और क्या-क्या हुआ इन सब पर विस्तार से जानने के लिए देखिए संसद सत्र की तमाम घटनाओं, राजनीति और हाई-वोल्टेज ड्रामे पर हमारा यह खास कार्यक्रम ‘संसद वॉच’.
Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.