
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सोमवार को अपने पहले पन्ने पर माफ़ीनामा प्रकाशित किया. इसमें अखबार ने कहा कि उसने गलती से रिपोर्ट किया कि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भाजपा के महिला केंद्रित अभियान का चेहरा बनाया जाएगा, जो 9 जून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने के अवसर पर शुरू होने वाला है.
अखबार ने लिखा, “अब हमें जानकारी मिली है कि भाजपा की ऐसी कोई योजना नहीं है. यह रिपोर्ट भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी से बातचीत के आधार पर तैयार की गई थी, लेकिन हमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से पुष्टि करनी चाहिए थी. इस चूक के लिए हम माफ़ी मांगते हैं.”
अखबार ने यह भी उल्लेख किया कि यह रिपोर्ट 1 जून के लखनऊ और चेन्नई संस्करणों में प्रकाशित हुई थी.

यह माफ़ी उस वक्त आई जब भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने रिपोर्ट को "फर्जी खबर" बताते हुए एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने कहा, “भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी द्वारा दिए गए बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि कर्नल कुरैशी को समुदाय के भीतर एक सशक्त मुस्लिम महिला के उदाहरण के रूप में पेश किया जाना चाहिए.”
This is #FakeNews. The BJP has no plans to use either Col Sofia Qureshi or Wing Commander Vyomika Singh as campaign faces. The comments made by BJP Minority Morcha President Jamal Siddiqui have been misconstrued. He simply made a limited point about highlighting Col Qureshi as an… pic.twitter.com/nPttvpTWMs
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 1, 2025
इससे पहले दैनिक भास्कर ने दी सफाई
इससे पहले बीते सप्ताह भाजपा ने दैनिक भास्कर की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें दावा किया गया था कि पार्टी हर घर में सिंदूर भेजने का अभियान शुरू करने जा रही है.
हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया ने माफ़ीनामा एक स्वतंत्र रूप में प्रकाशित किया, वहीं दैनिक भास्कर ने अपनी माफ़ी एक स्पष्टीकरणात्मक रिपोर्ट में शामिल की. जिसका शीर्षक था- “देशभर में घर-घर सिंदूर पहुंचाने का भाजपा की ओर से कोई कार्यक्रम नहीं”.
भास्कर ने लिखा, “28 मई को प्रकाशित खबर के लिए भाजपा से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं ली गई थी. इस त्रुटि पर खेद व्यक्त करते हुए पाठकों को स्थिति स्पष्ट की जा रही है.”
गौरतलब है कि 28 मई की दैनिक भास्कर रिपोर्ट और 1 जून की टाइम्स ऑफ इंडिया रिपोर्ट दोनों ही प्रकाशन के समय उनकी वेबसाइटों पर उपलब्ध नहीं थीं.


"ऑपरेशन सिंदूर" बना राजनीतिक बहस का केंद्र
भास्कर की रिपोर्ट के बाद भाजपा को विपक्ष की तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “औरतें सिंदूर सिर्फ अपने पति से स्वीकार करती हैं. आप सबके पति नहीं हैं… पहले अपनी मिसेज को सिंदूर क्यों नहीं दे रहे?”
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि भाजपा को इस अभियान को विरोध के कारण वापस लेना पड़ा और अब वह इसे "फर्जी खबर" कह रही है.
भाजपा के इनकार के बावजूद, ऑपरेशन सिंदूर पार्टी के लिए एक भावनात्मक मुद्दा बना हुआ है. पश्चिम बंगाल में एक पार्टी बैठक के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बार-बार इस मुद्दे का ज़िक्र किया और 2026 के विधानसभा चुनावों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा, “सबसे अहम बात यह है कि आप (ममता बनर्जी) मुस्लिम वोटबैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रही हैं. बताइए, क्या यह तुष्टीकरण चलता रहना चाहिए?”
शाह ने जनता से 2026 में ममता सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेने की अपील की. इस पर तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पहलगाम आतंकी हमले में खुफिया चूक को लेकर शाह से इस्तीफा मांग लिया.
“सिंदूर गर्व की बात है”
पिछले सप्ताह न्यूज़24 के एक शो में, भाजपा प्रवक्ता शिवम त्यागी से एंकर मानक गुप्ता ने पूछा कि अगर पार्टी ने इतना काम किया है, तो सिंदूर बांटने की ज़रूरत क्यों पड़ी? इस पर त्यागी का जवाब था, “क्योंकि यह हमारे लिए गर्व की बात है… हमने दुश्मन को हराया, हम कहेंगे. इसमें क्या दिक्कत है?”
सोफिया कुरैशी के परिवार की पीएम से मुलाकात
इससे पहले बीते सप्ताह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी के परिवार को मंच पर देखा गया. उनके पिता ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, “बहुत अच्छा लगा. हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे मुलाकात की. सोफिया कुरैशी देश की बेटी है, उसने बस अपना कर्तव्य निभाया है.”
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